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अमृत सरोवर योजना : सिंचाई और मछली पालन के लिए कितने मिलेंगे |

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सिंचाई और मछली पालन के लिए किसानों को मिलेंगे 50 हजार तालाब

संसाधनों का लगातार दोहन होने के कारण, पूरे देश में ग्राउंड वाटर स्तर कम होते जा रहे हैं, जो कि एक समस्या के रूप में सामने आ रही है। देश के बहुत से इलाकों में भूमिगत जल की कमी देखी जा रही है, इसलिए सरकार ने जल संरक्षण के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार ने किसानों के लिए “अमृत सरोवर योजना” शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को 50 हजार तालाबों का निर्माण करने के लिए सहायता दी जाएगी।

इस योजना के अंतर्गत, न केवल जल संरक्षण को बल मिलेगा बल्कि किसानों की आय भी तेजी से बढ़ेगी। किसान इन तालाबों से सिंचाई और मछलीपालन दोनों का लाभ उठा सकते हैं। उन्हें इन तालाबों से सिंचाई और मछलीपालन दोनों काम करके अच्छी कमाई हासिल करने का मौका मिलेगा। इस रूप में, किसानों को इस योजना से दोहरा फायदा हो सकता है।

यद्यपि इस योजना की शुरुआत 2022 में हो चुकी है, लेकिन यह कार्य तीव्र गति से 2023 में किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, 15 अगस्त तक देश को 50 हजार तालाब समर्पित किए जाएंगे, जिससे किसानों को फसलों की सिंचाई में कोई भी परेशानी न हो और वे इन तालाबों का उपयोग मछली पालन आदि कामों में करके अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकें।

15 अगस्त तक 50 हजार तालाब किये जाएंगे देश को समर्पित 

केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वे इस साल के 15 अगस्त तक 50 हजार सरोवर देश को समर्पित करें। योजना के पहले चरण में किसानों के लिए 40 हजार तालाब तैयार हो चुके हैं। सन् 2022 में लांच हुई इस अमृत सरोवर योजना का शुभारम्भ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस योजना के तहत हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाकर डिलीवर किया जाना है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए इस योजना को लागू किया है। सरकार का मानना है कि इससे किसानों को समय पर सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और उन्हें मछली पालन जैसे विकल्पों से भी अधिक आय मिल सकेगी।

तेजी से लक्ष्य हो रहा है पूरा

ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अमृत सरोवर योजना देश में तेजी से काम कर रही है। 11 महीनों के अंदर ही योजना का 80 प्रतिशत काम पूरा किया गया है। सरकार योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस योजना के अनुभव के आधार पर, यह देखा गया है कि 54 हजार से भी ज्यादा उपभोक्ता समूहों के सहयोग से योजना की दिशा सकारात्मक हो रही है। किसान तालाब में मछलीपालन, मखाने की खेती, कमल की खेती, सिंघाड़े की खेती और बत्तख पालन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

अमृत सरोवर योजना क्या है |

केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अमृत सरोवर योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत किसानों को 50 हजार तालाब प्रदान किए जाएंगे। जल संकट के बढ़ते हुए संकेतों को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। अमृत सरोवर योजना के माध्यम से किसानों को 50 हजार तालाब प्रदान किए जाएंगे, जिससे ये तालाब जल संग्रह करने के लिए उपयोग में लाए जा सकेंगे। इस संग्रहित जल का उपयोग किसान सिंचाई और मछली पालन के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान जलीय खेती भी कर सकते हैं, जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी।

अमृत सरोवर योजना के लाभ 

अमृत सरोवर योजना के लाभों की बात करते हुए, इससे किसानों को तीन तरीकों से लाभ होगा। आजकल देश के अधिकतर राज्यों में कृषि सिंचाई के लिए जल की कमी हो रही है। इसलिए, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश (यूपी), झारखण्ड, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र आदि राज्यों में अमृत सरोवर योजना को प्रमुखता से लागू किया जा रहा है।

राजस्थान, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में पानी की कमी के कारण पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। इसलिए, इस तरह की योजनाएं चलाना जरूरी है जो किसानों को जल संसाधनों के अत्यधिक दोहन से बचाएंगे। सिंचाई के लिए पानी की भारी समस्या के चलते नलकूपों में भी पानी की कमी हो रही है।

भू-जल स्तर लगातार घटता जा रहा है और इसे बढ़ाने का सबसे बेहतर तरीका है कि किसानों को वर्षा से पानी को अधिक से अधिक संग्रहित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। तालाब निर्माण जल संग्रहण का एक बेहतरीन तरीका होता है, इसलिए सरकार किसानों को तालाब निर्माण या पोखर निर्माण के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

अमृत सरोवर योजना के उद्देश्य

अमृत सरोवर योजना के उद्देश्य हैं जल की बर्बादी को रोकना और उसे बेहतर तरीके से पूरा उपयोग करना। इस योजना के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:

  1. देश में जल संग्रहण को बढ़ावा देना और भू-जल स्तर को बढ़ाना।
  2. किसानों के सिंचाई से सम्बंधित समस्याओं का हल करना।
  3. किसान के फसल की पैदावार में बढ़ोतरी करना।
  4. किसानों की आय बढ़ाना।
  5. मछलीपालन को प्रोत्साहित करना।

यह योजना देश के विभिन्न भागों में जल संचय के लिए जल संरचनाएं बनाने के साथ-साथ विभिन्न संबद्ध विषयों को भी संभालेगी। इसके माध्यम से किसानों को सिंचाई और जल संचय की तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा, जिससे किसान अधिक उत्पादक बन सकेंगे।

जल संरक्षण कैसे किया जाए

देश की आजादी के 75 वर्षगांठ पर शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत जल संरक्षण को बल दिया जा रहा है। इसके तहत देश के प्रत्येक जिले में 75 तालाबों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा बारिश के जल को तालाब में लाने के लिए प्रॉपर व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए नाला बनाने का काम भी किया जा रहा है। इस मिशन के तहत तालाबों की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी और गांव के लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस योजना के तहत न केवल नए जल संग्रह की व्यवस्था की जाएगी, बल्कि पुराने तालाबों को भी पुनर्जीवित किया जाएगा।

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