दोस्तों आज हम बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही इस सहायक योजना के बारे में बात करने जा रहे हैं. जैसा कि दोस्तों आपको पता है. कोरोना,जैसी महामारी के कारण जो बच्चे अनाथ हो गए थे. उन बच्चों को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे और बिहार सरकार द्वारा उन बच्चों की परवरिश और शिक्षा का भी प्रबंध करेंगी. इन सभी चीजों को देखते हुए बिहार सरकार ने बाल सहायता योजना शुरू की है. इस योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को दिया जाएगा. जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु या दोनों की मृत्यु कारण कोरोना है. तो ऐसे अनाथ बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा और बच्चों की उम्र 18 वर्ष होने तक सरकार द्वारा 1500 की राशि उनको हर महीने मिलेगी.
बाल सहायता योजना क्या है?
बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही. इस योजना में कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को 18 साल की उम्र तक सहायता और शिक्षा देने के लिए योजना की शुरुआत करी गई है. इस योजना के द्वारा बच्चों की आर्थिक सहायता के रूप में 1500 की राशि दी जाएगी क्योंकि उनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है. ऐसे में उन बच्चों का भविष्य खराब ना हो और उनकी देखरेख व पढ़ाई समस्या होगी इसे देखते हुए बिहार सरकार ने बिहार बाल सहायता योजना के अंतर्गत यह फैसला लिया है कि इस योजना के माध्यम से सरकार उन सभी बच्चों की सहायता करेगी जिन बच्चों के ऊपर उनके माता-पिता नहीं है.और उन बच्चों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. तो उन बच्चों को सरकार 18 वर्ष होने तक इस योजना के माध्यम से सहायता देगी और को 1500 की राशि प्रति महीना दिया जाएगा.
उन बच्चों की देखरेख बाल गृह में की जाएगी ऐसे अनाथ बच्चों को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता पर नामांकन करवाया जाएगा.
सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना से अनाथ बच्चों को बहुत ही ज्यादा राहत मिलेगी. और सरकार द्वारा बिहार समाज कल्याण विभाग और योजना के तहत ऐसे बच्चों की पहचान करी जा रही है. जिनके दोनों माता-पिता कोरोना के कारण हुआ हो करीब 100 बच्चों की पहचान करी गई है.
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षा मिलेगी
दोस्तों जो बच्चे अनाथ हुए हैं. तो इस योजना के तहत उनकी शिक्षा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में कराई जाएगी. ताकि उन बच्चों का भविष्य उज्जवल हो.
बाल सहायता योजना 2023 की मुख्य बातें
- जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है बच्चों की देखरेख बाल गृह में की जाएगी.
- दोस्तों केंद्र सरकार ने भी कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए एक सहायक योजना पीएम केयर्स फंड फॉर चिल्ड्रंस शुरू की है.
- बिहार सरकार ने यह घोषणा की है बच्चों को18 वर्ष होने तक ही राशि मिलेगी.
- अनाथ बच्चों को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नामांकन करवाया जाएगा और ज्यादा संख्या में नामांकन ना होने पर उन अनाथ बच्चों को देखरेख बाल गृह में की जाएगी.
अनाथ बच्चों का खुलेगा बैंक खाता
सरकार द्वारा जिन बच्चों की पहचान करी गई है. उन बच्चों के नाम से खाता खुलेगा. सरकार द्वारा इस प्रक्रिया को आरंभ कर देने का निर्देश दे दिया गया है. बच्चों के बैंक खाते में इस योजना के तहत राशि हर महीने मिलती रहेगी.
केंद्र सरकार द्वारा मिलेगा योजना का लाभ
दोस्तों केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही. पीएम केयर्स फंड फॉर चिल्ड्रन शुरू की है इस योजना के तहत उन अनाथ बच्चों को उनका भविष्य उज्जवल बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी जैसा कि राज्य सरकार कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा और 18 वर्ष की उम्र तक प्रति महीना 1500 की राशि दी जाएगी वैसे ही केंद्र सरकार के द्वारा 10 लाख रुपए की राशि 23 साल का होने पर दी जाएगी तो उन अनाथ बच्चों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से यह लाभ मिलेगा.
बाल सहायता योजना 2023 लिस्ट
दोस्तों बिहार बाल सहायता योजना का लाभ बच्चों के लिए उनकी लिस्ट बनाई जाएगी. जिसमें की समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य के अब तक विभिन्न कारणों से अनाथ हुए बच्चों की पहचान करी गई है.1332 बच्चे ऐसे हैं इनकी पहचान हुई है बाल संरक्षण के द्वारा कराई गई कार्रवाई के दौरान कोरोना से पीड़ित माता-पिता दोनों का निधन संक्रमण के कारण हुआ हो या माता का पहले किसी दुर्घटना में निधन हुआ हो और फिर पिता निधन संक्रमण के कारण हुआ हो अथवा पिता का निधन पहले हुआ हो और बाद में निधन संक्रमण कारण हुआ हो तो ऐसे कुछ कारण हैं. तो उन बच्चों को अनाथ बच्चों की श्रेणी में रखा गया है. और उन बच्चों को बाल सहायता योजना के तहत 1500 रुपए की राशि हर महीने दी जाएगी.
दोस्तों अन्य कारण जैसे दुर्घटना आत्महत्या से अनाथ हुए बच्चों को बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही दूसरी योजना में शामिल किया क्या है ऐसे अनाथ बच्चों की पहचान कर ली गई है जिनके माता-पिता दुर्घटना या आत्महत्या में मृत्यु हुए हैं इन सभी बच्चों की जानकारी भारत सरकार के बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड की गई है.
55 बाल ग्रहों का संचालन किया जा रहा है
इस योजना के तहत राज्य सरकार में 55 बाल ग्रहों का संचालन किया जा रहा है. और एक बार ग्रह में 50 बच्चों की देखरेख की क्षमता है 2500 अनाथ बच्चों की क्षमता बाल ग्रहों में है. वर्तमान में 900 बच्चे बाल ग्रहों में रह रहे हैं. और जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं और उन बच्चों की देखरेख करने के लिए परिवार जन से कोई नहीं है उन बच्चों को भी इन बाल गृह में रखा जाएगा |
सभी अनाथ बच्चों को मिलेगा लाभ
बाल सहायता योजना में एपीएल और बीपीएल का कोई अंतर नहीं रखा जाएगा. इस योजना का लाभ उन सभी बच्चों को मिलेगा जिनके माता-पिता संक्रमण के कारण निधन हुआ हो और वह बच्चे अनाथ हो गए हो सभी बच्चों को सहायता दी जाएगी|